वक्रतुण्ड महाकाय – जगजीत सिंह

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ लिरिक्स

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

प्रथमेश्वरा गणदेवश्वरा
चिंता मनी परमेश्वरा

गन नाथ सुर मनी गणपति
हे लॅंब श्री लंबोदरा

प्रथमेश्वरा गणदेवश्वरा
चिंता मनी परमेश्वरा

महाकाल हो लाये ताल हो
सुर छंद श्रुति अखिलेश्वरा

संगीत में और गीत में
गतिमान हो पूरनेश्वरा

गन नाथ सुर मनी गणपति
हे लॅंब श्री लंबोदरे

शिवानंद हो आनंद हो
मंग्लेश्वरा धूमेश्वरा

विश्वेश्वरा सर्वेश्वरा
विधयपति चितटेश्वरा

गन नथ सुर मानी गणपति
हे लॅंब श्री लंबोदरे

प्रथमेश्वरा गणदेवश्वरा
चिंता मनी परमेश्वरा।।

गणेश भजन लिरिक्स। गणेश आरती। गणेश चालीसा । गणेश मंत्र । गणेश शुभ लाभ मंत्र

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