वन्दे मातरम् सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्

वन्दे मातरम् सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम् 

शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम्
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां मातरम्।।

सप्त-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
द्विसप्त-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले, अबला केन मा एत बॅले
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं रिपुदलवारिणीं मातरम्।।

तुमि विद्या, तुमि धर्म
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वम् हि प्राणा: शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडी मन्दिरे-मन्दिरे।।

त्वम् हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम्
नमामि कमलाम्अ मलां अतुलाम्
सुजलां सुफलाम्मा तरम्।।

वन्दे मातरम्श्या मलाम् सरलाम्
सुस्मिताम् भूषिताम्ध रणीं भरणीं मातरम्।।

वन्दे मातरम् रचयिता – बंकिम चंद्र चटर्जी

Vande Mataram Vande Mataram Vande Mataram
Vande Mataram Vande Mataram Vande Mataram

Maa Tujhe Salaam Maa Tujhe Salaam Maa Tujhe Salaam
Maa Tujhe Salaam Maa Tujhe Salaam Maa Tujhe Salaam
Maa Tujhe Salaam

Vande Mataram Vande Mataram Vande Mataram
Vande Mataram Vande Mataram Vande Mataram

Vande Mataram Vande Mataram Vande Mataram
Vande Mataram Vande Mataram Vande Mataram

Maa Tujhe Salaam Maa Tujhe Salaam Maa Tujhe Salaam
Maa Tujhe Salaam Maa Tujhe Salaam Maa Tujhe Salaam
Maa Tujhe Salaam

Vande Mataram Vande Mataram Vande Mataram
Vande Mataram Vande Mataram Vande Mataram

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